अश्कों के मोती
अश्कों के मोती
ये अश्कों के मोती हैं
यूँ ही बह जाने दीजिये।
दिल में छुपी आह को
नजर तो आने दीजिये।
दबा के रखा जो सैलाब
शब्दों से बयाँ कीजिये।
कम से कम हमसे तो
दिल का राज़ कह दीजिये।
अजी यूँ फेर के नज़र अब
हमको रुसवा न कीजिये।
गहराई में छिपा खंजर
अब तो निकाल फेंकिये।
फंसी है फांस जिस कदर
दर्द को भी एक हमदर्द दीजिये।
आँसुओं को जो पोछ दे
हमको भी वो हक दीजिये।
ये अश्कों के मोती हैं
यूँ ही बह जाने दीजिये।
दिल में छुपी आह को
नजर तो आने दीजिये।