अश्क़ से शुरु हर आह और ख़त्म वही हुआ है। अश्क़ से शुरु हर आह और ख़त्म वही हुआ है।
हो सके तो माफ़ कर देना मुझे के तुम्हें रुलाया बहुत है। हो सके तो माफ़ कर देना मुझे के तुम्हें रुलाया बहुत है।
के राब्ता है तेरी हर बात से हमें फिर चाहे वो, दर्द हो या राहत। के राब्ता है तेरी हर बात से हमें फिर चाहे वो, दर्द हो या राहत।
दर्द से रिश़्ता पुराना हो गया। मुस्कुराये भी ज़माना हो गया।। दर्द से रिश़्ता पुराना हो गया। मुस्कुराये भी ज़माना हो गया।।
ये अश्कों के मोती हैं यूँ ही बह जाने दीजिये। ये अश्कों के मोती हैं यूँ ही बह जाने दीजिये।
कुछ ख़ामोशी सी तारी है, जैसे वक़्त भी ठहर सा गया है। कुछ ख़ामोशी सी तारी है, जैसे वक़्त भी ठहर सा गया है।