कुछ बदला सा ये मौसम का मिजाज है, कुछ बदला सा है इन हवाओं का ये रुख। कुछ बदला सा ये मौसम का मिजाज है, कुछ बदला सा है इन हवाओं का ये रुख।
हाँ, वही तो है सदियों से यथार्थ मेरे साथ जुड़ा... हाँ, वही तो है सदियों से यथार्थ मेरे साथ जुड़ा...
मगर काम का गर कुछ है तो बस जरा ऐतबार है वो भी जो अगर ख़ुद पर होता है। मगर काम का गर कुछ है तो बस जरा ऐतबार है वो भी जो अगर ख़ुद पर होता है।
चाँद का दीदार कर लो तुम जरा । आइना इक बार देखो तुम जरा ।। चाँद का दीदार कर लो तुम जरा । आइना इक बार देखो तुम जरा ।।
के राब्ता है तेरी हर बात से हमें फिर चाहे वो, दर्द हो या राहत। के राब्ता है तेरी हर बात से हमें फिर चाहे वो, दर्द हो या राहत।
सिकुड़ से गए सफ्हे वो किताब के, साथ बैठ पलटा करते थे कभी... उम्र यूं ही गुजर रही है बेवजह, जिंद... सिकुड़ से गए सफ्हे वो किताब के, साथ बैठ पलटा करते थे कभी... उम्र यूं ही गुजर...