कुछ बदला सा ये मौसम का मिजाज है, कुछ बदला सा है इन हवाओं का ये रुख। कुछ बदला सा ये मौसम का मिजाज है, कुछ बदला सा है इन हवाओं का ये रुख।
कोडैकनाल की वादियों की, बैंगलुरू के बागानों की कोडैकनाल की वादियों की, बैंगलुरू के बागानों की
इश्क़ प्यार मोहब्बत छोड़ो इश्क़ प्यार मोहब्बत छोड़ो
फूलों की खुशबू की तरह फिर से महक जाए, परिंदों की तरह फिर से उड़ जाए, फूलों की खुशबू की तरह फिर से महक जाए, परिंदों की तरह फिर से उड़ जाए,
श्वेत चादर ओढ़े मौन तपस्वियों सा खड़े रहते वृक्ष । श्वेत चादर ओढ़े मौन तपस्वियों सा खड़े रहते वृक्ष ।
खेतों में खलियानों में, बनकर पंछी चहचहाना चाहती हूं। खेतों में खलियानों में, बनकर पंछी चहचहाना चाहती हूं।