जिंदगी जीना चाहती हूं
जिंदगी जीना चाहती हूं
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ये मत पुछ,
मैं तुझसे क्या चाहती हूं?
मैं तो बस,
अपनी जिंदगी जीना चाहती हूं।
फूलों की वादियों में,
गुम होना चाहती हूं।
काली काली घटाओ में,
बस जाना चाहती हूं।
खेतों में खलियानों में,
बनकर पंछी चहचहाना चाहती हूं।
हरियाली इस धरा के,
संग डोलना चाहती हूं।
पर्वत झरनों में,
डुब जाना चाहती हूं।
आ तू बन कर तूफान,
संग तेरे बहना चाहती हूं।
ये मत पुछ,
मैं तुझसे क्या चाहती हूं?
मैं तो बस,
अपनी जिंदगी जीना चाहती हूं।