उमंगों से भरा जीवन
उमंगों से भरा जीवन
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तुम्ही तो हो पिया दिल का, सुकूॅ चाहूं तुझे हरपल।
तुम्हें मेरी मुहब्बत की कसम, ना यूॅ रुठो हरपल।
कभी आती नहीं पतझड़,बहारों में बिना मोसम।
खिले जो फूल बागों में, तुम्हें देखूं खिला हरपल!
खयालों में समाये हो, धड़कते हो सीने में यूँ
जिना पाये बिना तेरे, जिए अब संग ही हरपल।
रहूंगी मैं सदा तेरी, मनोहारी बनी सैंया।
मिटा दो फासले अब तो, रहो ना दूर तुम हरपल।
जिने के हौसले देती, तुम्हारी याद है आती।
उमंगो से भरा जीवन, लगे रंगो भरा हर पल।
