आम की बौराई आई झूम उठी आम की डाली। महके खेतों में देखो कैसी ये गेहूँ की बाली।। आम की बौराई आई झूम उठी आम की डाली। महके खेतों में देखो कैसी ये गेहूँ की बाली।...
आसमान के परिंदे आसमान के परिंदे
हवाओं में है बिखरी खुशबू जैसे रागिनी हो बजी हवाओं में है बिखरी खुशबू जैसे रागिनी हो बजी
फूलों की खुशबू की तरह फिर से महक जाए, परिंदों की तरह फिर से उड़ जाए, फूलों की खुशबू की तरह फिर से महक जाए, परिंदों की तरह फिर से उड़ जाए,
झूम रहे हैं सब मस्ती में चढ़ा है सर पर भांग।। झूम रहे हैं सब मस्ती में चढ़ा है सर पर भांग।।
इन दिनों इस पल, मैं झूम उठा हूं ! और चूम लिया हूं इन हवाओं को, इन दिनों इस पल, मैं झूम उठा हूं ! और चूम लिया हूं इन हवाओं को,