कुछ अतीत की स्मृतियाँ आंदोलित हो कर जीवंत हुईं, क्यों चाह रहा वो बोल पड़े अब तक थे जिनके होंठ सिले! कुछ अतीत की स्मृतियाँ आंदोलित हो कर जीवंत हुईं, क्यों चाह रहा वो बोल पड़े अब तक ...
जीवन सरिता में बहती, नौका की पतवार सी प्रवाह-पथ की लोह-चट्टानों को आत्मविश्वास और दृढ़ता से मोम, करत... जीवन सरिता में बहती, नौका की पतवार सी प्रवाह-पथ की लोह-चट्टानों को आत्मविश्वास औ...
क्रूरता मानव की देख पर्वत भी पिघल जाता है क्रूरता मानव की देख पर्वत भी पिघल जाता है
जब तुम आये इस धरती पर माँ बाप के जरिये , सम्मान देने क्क औकात नहीं बेइज्जत मत करिये , जब तुम आये इस धरती पर माँ बाप के जरिये , सम्मान देने क्क औकात नहीं बेइज्जत मत...
चंद्रकला की लीला करते, पूर्णिमा हुए एक पक्ष में कंचन पंखुड़ घेरे तन से, केसर फूटे लक्ष-लक्ष में। चंद्रकला की लीला करते, पूर्णिमा हुए एक पक्ष में कंचन पंखुड़ घेरे तन से, केसर फ...
एहसास दिला रही थी अपने संग संग बहती हवा के झोकों का। एहसास दिला रही थी अपने संग संग बहती हवा के झोकों का।