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रिपुदमन झा "पिनाकी"

Drama Fantasy

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रिपुदमन झा "पिनाकी"

Drama Fantasy

होली में

होली में

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होली में हर नर नारी पर चढ़ा फाग का रंग।

मस्ती में सब हैं बौराये करते हैं हुड़दंग।।


भाव भंगिमा बदल बदल कर रचते हैं सब स्वांग।

झूम रहे हैं सब मस्ती में चढ़ा है सर पर भांग।।


ढोलक, डफली, झाल, डुगडुगी, हारमोनियम, चंग

गाए जोगीरा सा..रा..रा..रा.. मन में भरे उमंग।।


होली में सब दोस्त या दुश्मन भूल के सारे झगड़े।

भर-भर मारे रंग पिचकारी मुख पर भी रंग रगड़े।।


रंग - रंगीले चेहरे सबके नीला, पीला, लाल।

देवें बधाई गले लगाकर मल-मल अबीर गुलाल।।



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