बैल को स्वयं बुलाने की छोड़ो आदत। बैल को स्वयं बुलाने की छोड़ो आदत।
शुद्ध हवा का अभाव कर रहा कम हम सबकी आयु को शुद्ध हवा का अभाव कर रहा कम हम सबकी आयु को
बड़ी मन्नतओं से आयी है ये बारिश रूठ गई गर मौहतर्मा तो न जाने कब लौटेगी। बड़ी मन्नतओं से आयी है ये बारिश रूठ गई गर मौहतर्मा तो न जाने कब लौटेगी...
हर कोई जानता हैं मेरी कहानी चुप है तेरी ज़ुबानी जाने राहत हो हर कोई जानता हैं मेरी कहानी चुप है तेरी ज़ुबानी जाने राहत हो
स्वाद जो घर की रोटी में लज्ज़त कहाँ पकवानों में। स्वाद जो घर की रोटी में लज्ज़त कहाँ पकवानों में।
राहें करेंगे रोशन दुआओं से अपनी। राहें करेंगे रोशन दुआओं से अपनी।