Chitra Yadav
Abstract
खोल दो सारी खिड़कियाँ
और दरवाज़े
इन बूँदों को
अंदर आने दो।
भीग जाने दो दरोदीवार घर के
इन्हे झूमने दो, गाने दो
चाय पकोड़े तैयार रखना
आज दावत होगी।
बड़ी मन्नतओं से
आयी है ये बारिश
रूठ गई गर मौहतर्मा
तो न जाने कब लौटेगी।
अफसोस
दोस्त
हमारी ख्वाहिश...
इश्क
रिश्ते
इंतजार
खामोश मोहब्बत
अपने
सौरभ
कविता
आज कोई हमारी यादों में है, कल हम किसी की यादों में होंगे, यह सिलसिला यूं ही चलता रहेग आज कोई हमारी यादों में है, कल हम किसी की यादों में होंगे, यह सिलसिला यूं ह...
कौन सा पौरूष, कैसा दमखम जो मुझको भीतर ही खा जाए मैं एक जानवर को भगवान मान लूं कौन सा पौरूष, कैसा दमखम जो मुझको भीतर ही खा जाए मैं एक जानवर को भगवान मान ...
दोस्तों ये सवाल किसी एक महिला एक घर के अंदर से नही उठते है.... दोस्तों ये सवाल किसी एक महिला एक घर के अंदर से नही उठते है....
तेरा जीवन ये क्या सच है या तेरी जिंदगी झूठी, बहुत से लोग हैं जो मात खाये हैं समय से बस तेरा जीवन ये क्या सच है या तेरी जिंदगी झूठी, बहुत से लोग हैं जो मात खाये हैं ...
और तुम्हारे लिए खुद को बदलना मुझे अच्छा लगता था। और जब बदल लिया मैंने खुद को तो। .. और तुम्हारे लिए खुद को बदलना मुझे अच्छा लगता था। और जब बदल लिया मैंने खुद को...
तुम कभी जीते ही नहीं क्योंकि तुम कभी जीत ही नहीं सकते। तुम कभी जीते ही नहीं क्योंकि तुम कभी जीत ही नहीं सकते।
शादी का नाम सुनते ही हमारे मन में कई ख्याल आते हैं वो एक दिन जिसका हम बेसब्री से इंतज़ा शादी का नाम सुनते ही हमारे मन में कई ख्याल आते हैं वो एक दिन जिसका हम बेसब्री से...
मेरे हर जख्म का इलाज तुम्हारे पास जो है। मेरे हर जख्म का इलाज तुम्हारे पास जो है।
जो हर मुसीबत के समय थाम लेता है मेरा हाथ। जो हर मुसीबत के समय थाम लेता है मेरा हाथ।
भविष्य में अपराध, प्रदूषण को रोकने के लिए मनोविज्ञान विज्ञान में अनुसंधान में प्रयास करें भविष्य में अपराध, प्रदूषण को रोकने के लिए मनोविज्ञान विज्ञान में अनुसंधान में प्...
बंजर पड़ी मेरी जिंदगी को... अब मुझे थोड़ा-सा ही सही हरा- भरा तो बनाना है... बंजर पड़ी मेरी जिंदगी को... अब मुझे थोड़ा-सा ही सही हरा- भरा तो बनाना है...
जिन्दगी की इस भागमभाग में अब तक भाग ही रहे हो तुम जिन्दगी की इस भागमभाग में अब तक भाग ही रहे हो तुम
ऐसी ही कुछ उड़ानों को, ये इंसान बांधता है लोहे की दीवार रखता है। ऐसी ही कुछ उड़ानों को, ये इंसान बांधता है लोहे की दीवार रखता है।
जाल तो बिछा रहे है अगर कोई यार अपना... तो छाप दे तू निशान अब कांटे भरी खाल में... जाल तो बिछा रहे है अगर कोई यार अपना... तो छाप दे तू निशान अब कांटे भरी खाल मे...
कल भी मै वैसा था आज भी वैसा हूँ, हँस रहा हूँ हर हालात मे ना पूछो कैसा हूँ? कल भी मै वैसा था आज भी वैसा हूँ, हँस रहा हूँ हर हालात मे ना पूछो कैसा ह...
हम दूर क्षितिज़, प्रेरणा बन, दूसरों को मार्ग दिखाते हैं। हम दूर क्षितिज़, प्रेरणा बन, दूसरों को मार्ग दिखाते हैं।
मुझे तो मेरे दोनों बच्चों से एक सा प्यार मिला है हाँ भावनाएँ जताने में बेटियों की तरह। ... मुझे तो मेरे दोनों बच्चों से एक सा प्यार मिला है हाँ भावनाएँ जताने में बेटियो...
बस खामोशी के इस मंजर में वो मुकाम तो आने दे। बस खामोशी के इस मंजर में वो मुकाम तो आने दे।
क्या होती है मोहब्बत,?क्या होता है प्यार,? क्या होती है चाहत? क्या होती है इबादत,? क्या होती है मोहब्बत,?क्या होता है प्यार,? क्या होती है चाहत? क्या होती है इब...
कम हो गयी बढ़ती हुई महँगाई और खत्म हो गया गुंडाराज इसी उम्मीदों के साथ फिर से मिल गया कम हो गयी बढ़ती हुई महँगाई और खत्म हो गया गुंडाराज इसी उम्मीदों के साथ फिर से ...