रिश्ते
रिश्ते


एक वक़्त था
जब रिश्तों को
खतों मे महफूज़ रखा जाता था
किसी ख़ज़ाने की तरहा
आज कुछ ऐसा है कि
रिश्ते महज़
एक क्लिक के मोहताज
होकर रह गए हैं
नए रिश्ते जोड़ने के लिए
एक 'रिक्वेस्ट'
वहीं बासी, बेजान रिश्तों को
ब्लॉक कर देना काफ़ी है
जो रिश्ते कभी बेशकीमती हुआ करते थे
आज कितने बेचारे हैं