Chitra Yadav
Romance Fantasy
हल्की सी बारिश हुई है अभी
तेरे 'इश्क' में जाना,
अभी तो एक सैलाब आना
बाक़ी है...
अफसोस
दोस्त
हमारी ख्वाहिश...
इश्क
रिश्ते
इंतजार
खामोश मोहब्बत
अपने
सौरभ
कविता
कभी ज़रा सी हुई हिक़ारत, कभी ज़रा सी दिखी इनायत, कभी ज़रा सी हुई हिक़ारत, कभी ज़रा सी दिखी इनायत,
तब संदीप के हौसले उड़ान भरते हैं, मलिक्का प्यार कि एक मुस्कान देती है। तब संदीप के हौसले उड़ान भरते हैं, मलिक्का प्यार कि एक मुस्कान देती है।
क्या तुम कभी जान पाओगे ..? उन कल्पनाओं के बारे में.. क्या तुम कभी जान पाओगे ..? उन कल्पनाओं के बारे में..
कण कण से तुम प्यार करो,खुद तब तुम जानोगे। कितना प्यारा यह जीवन,तब ही तुम पहचानोगे। कण कण से तुम प्यार करो,खुद तब तुम जानोगे। कितना प्यारा यह जीवन,तब ही तुम पहचा...
जब चित्त चाह बढ़ जाती है, कामना बेल मुस्काती है! जब चित्त चाह बढ़ जाती है, कामना बेल मुस्काती है!
सुनने से थोड़ी थोड़ी बातें मन सुलझ सा जाता है। सुनने से थोड़ी थोड़ी बातें मन सुलझ सा जाता है।
मेरे धीमे और प्यार से पूछने पर भी, उसने जवाब तेज़ी और रूखाई से दिया। मेरे धीमे और प्यार से पूछने पर भी, उसने जवाब तेज़ी और रूखाई से दिया।
एहसास जरूरी है जज़्बात जरूरी है जीवन के सफर में सुनो तेरा साथ जरूरी है। एहसास जरूरी है जज़्बात जरूरी है जीवन के सफर में सुनो तेरा साथ जरूरी है।
उसी प्रहर में…कि यूं ही देखना चाहा, प्रेम में समर्पण। उसी प्रहर में…कि यूं ही देखना चाहा, प्रेम में समर्पण।
दिल आशना हुआ है तेरे प्यार का सनम। है इंतजार तेरे भी इक़रार का सनम। दिल आशना हुआ है तेरे प्यार का सनम। है इंतजार तेरे भी इक़रार का सनम।
प्रेम जगत की सबसे पहले, राधा ही पहचान बनी थी। प्रेम जगत की सबसे पहले, राधा ही पहचान बनी थी।
दिल और दिमाग में कोई जगह नहीं थी हर जगह सिर्फ वही बसी थी। दिल और दिमाग में कोई जगह नहीं थी हर जगह सिर्फ वही बसी थी।
अब तुमको मैं अपना बना ही लूँ क्या...? तुमको हँसके गले से लगा ही लूँ क्या...? अब तुमको मैं अपना बना ही लूँ क्या...? तुमको हँसके गले से लगा ही लूँ क्या...?
मेरी इबादत तुममें यूं एकाकार होती है जैसे आत्मा परमात्मा में। मेरी इबादत तुममें यूं एकाकार होती है जैसे आत्मा परमात्मा में।
उस डाली पर उभरती है एक कल्पना तेरी। उस डाली पर उभरती है एक कल्पना तेरी।
बारिश की बूंद जो तेरे पलकों पर गिरे धीरे धीरे पहुंचे जो तेरे पलकों के सिरे। बारिश की बूंद जो तेरे पलकों पर गिरे धीरे धीरे पहुंचे जो तेरे पलकों के सिरे।
रेशमी शब्दों के जाल की तरह उसकी बातों का जादू आज भी मुझ पर छाया हुआ है। रेशमी शब्दों के जाल की तरह उसकी बातों का जादू आज भी मुझ पर छाया हुआ है।
जीवन की छोटी-छोटी बातों में, कुछ खट्टे-मीठे यादों के पल हमने बिताये थे। जीवन की छोटी-छोटी बातों में, कुछ खट्टे-मीठे यादों के पल हमने बिताये थे।
अधूरे ख्वाबों के किताब में, तुमको ढूंढता रह गया। अधूरे ख्वाबों के किताब में, तुमको ढूंढता रह गया।
घूम के वादियों में ,फिर यहीं जमीं पे ,तेरा हाथ पकड़ के ,चल चलें कहीं पे। घूम के वादियों में ,फिर यहीं जमीं पे ,तेरा हाथ पकड़ के ,चल चलें कहीं पे।