अब तो धुएँ पे भी देखो जमकर के रोटियाँ सेकी जा रही है। अब तो धुएँ पे भी देखो जमकर के रोटियाँ सेकी जा रही है।
गर निकला समय हाथ फिर, तू पछतायेगा मौन पड़ा। गर निकला समय हाथ फिर, तू पछतायेगा मौन पड़ा।
क्योंकि बूढ़ा बैल कहीं बिकता नहीं इसमें भला किसान का क्या दोष ? क्योंकि बूढ़ा बैल कहीं बिकता नहीं इसमें भला किसान का क्या दोष ?
जब मालिक न ऑफिस होते, काम अधूरे पूरे होते। मालिक को ना मालूम होता।।।। जब मालिक न ऑफिस होते, काम अधूरे पूरे होते। मालिक को ना मालूम होता।।।।
मालिक के ख़ातिर जान को देता है, मालिक के जान को भगवान सा समझता है, चुकी जरूरत पड़ने पे जान को देत... मालिक के ख़ातिर जान को देता है, मालिक के जान को भगवान सा समझता है, चुकी जरूरत...
एक दिन वापस आएगी जंगलों में जन्म देगी बिना बाप के नाम वाले बच्चे को, मासूम कली माँ कहलायेगी, एक दिन वापस आएगी जंगलों में जन्म देगी बिना बाप के नाम वाले बच्चे को, मासूम कल...