अंधे होते धन के पीछे दौड़ता मानव। अंधे होते धन के पीछे दौड़ता मानव।
क्योंकि बूढ़ा बैल कहीं बिकता नहीं इसमें भला किसान का क्या दोष ? क्योंकि बूढ़ा बैल कहीं बिकता नहीं इसमें भला किसान का क्या दोष ?
दे गया तुम्हें भीषण आघात और बना गया तुम्हें एक जीवित। दे गया तुम्हें भीषण आघात और बना गया तुम्हें एक जीवित।
प्राण प्रतीक्षारत है कि कब हो जाए ब्रह्माण्ड में लीन। प्राण प्रतीक्षारत है कि कब हो जाए ब्रह्माण्ड में लीन।
जन्म ले चुका है यहाँ, वासुदेव का अंश। जन्म ले चुका है यहाँ, वासुदेव का अंश।
तड़पन के अश्क़ों में रक़्त न बहाता हो जहाँ। तड़पन के अश्क़ों में रक़्त न बहाता हो जहाँ।