प्राण प्रतीक्षारत है कि कब हो जाए ब्रह्माण्ड में लीन। प्राण प्रतीक्षारत है कि कब हो जाए ब्रह्माण्ड में लीन।
या पाएँगे नभ खुद के अब न कोई भय को सहेंगे या पाएँगे नभ खुद के अब न कोई भय को सहेंगे
जो पुरुष घर में रहकर ही पालन करे गृहस्थ धर्मों का अर्थ, काम का उपभोग करे वो उन्ही का है अनुष्ठ... जो पुरुष घर में रहकर ही पालन करे गृहस्थ धर्मों का अर्थ, काम का उपभोग करे वो ...
"शिक्षक दिन" न तो एकदिन, तो "अनुदिन" । "शिक्षक दिन" न तो एकदिन, तो "अनुदिन" ।