मुख था खुला आँखें थी खुली खर्राटे लेते मेंढक राजा मुख था खुला आँखें थी खुली खर्राटे लेते मेंढक राजा
लेकिन नदी कभी वापस नहीं लौटती वह बहती जाती है बहती जाती है और बहती जाती है लेकिन नदी कभी वापस नहीं लौटती वह बहती जाती है बहती जाती है और बहती जाती...
बिम्ब के भ्रम में ही कुत्ता रोटी गँवाता। बिम्ब के भ्रम में ही कुत्ता रोटी गँवाता।
लेकिन लिखना इसकी टहनियों में, कांटे भी है, जो अक्सर गड़ते है दुःख देते है.... लेकिन लिखना इसकी टहनियों में, कांटे भी है, जो अक्सर गड़ते है दुःख देते है....
सफर ये अनजान से अक्सर करते रहो। सफर ये अनजान से अक्सर करते रहो।
बचाओ अपनी धरोहर गंगा को। बचाओ अपनी धरोहर गंगा को।