STORYMIRROR

Yudhveer Tandon

Abstract

3  

Yudhveer Tandon

Abstract

आदत

आदत

1 min
186

जब दिया न्यौता संकट को घर जाकर

फिर क्या लाभ है अब यूँ पछताकर


जोखिम से पहले जानो उसकी लागत

बैल को स्वयं बुलाने की छोड़ो आदत


सम्पन्न होकर भी कंगाली का हाल

है तुम्हारे ही ये कुकृत्यों का कमाल


हो नशे में चूर न खूब उड़ाओ दावत

बैल को स्वयं बुलाने की छोड़ो आदत


संयम रखो खुद पर न उसको तुम छोड़ो

करो सीमा का मान न उसको कभी तोड़ो


जवानी में न तैश में माँ बाप से बगावत

बैल को स्वयं बुलाने की छोड़ो आदत।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract