एहसास
एहसास
1 min
288
साथ सजना का मिला जब , प्रेम मन में है खिले।
गीत अधरों पे सजे अब , तार सुर के हैं मिले।
रंग सारे जिंदगी के , चमन को महका रहे ।
फूल गेंदा , कुमुद , टेसू , फाग बन दहका रहे ।
साम गीतों की तरह तुम , धड़कनों के हो गए
शंख ध्वनियों की तरह प्रिय ,गगन के गुंजन होगए।
राग से अनुराग की नव , साधना होने लगी ।
कृष्ण - राधा - सी उमंगें , साधिका होने लगी।