डॉ मंजु गुप्ता

Romance Inspirational

3  

डॉ मंजु गुप्ता

Romance Inspirational

गजल

गजल

1 min
162


बहारें तुम्हें देख श्रृंगार करती। जवां ऋतु तुम्ही से पिया प्यार करती ।

 तुम्हारे बिना प्रिय लगे रात नागिन, डसे है मुझे इश्क़ आजार करती।

न आसान मगर मुश्किलों से भरा है, सितम ख़्वाब पे ये अनाचार करती।

दिये दर्द के ज़ख्म दिल को सदा हैं, अजी ज़िंदगी को नहीं तार करती।

बसाया तुम्हें " मंजु "ने प्रिय हृदय में, बिछी नेह की बाँह सत्कार करती।  


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance