भारत के वीर
भारत के वीर
कुंडलियाँ में भारत के वीर
1
सीना अपना तान के, लड़े जंग में वीर।
एक इंच भू दे नहीं , बनके अर्जुन तीर।।
बनके अर्जुन तीर , शत्रु को पल में मारे।
दमखम उनका देख ,शत्रु रण में है हारे।।
कहती 'मंजू ' सत्य, देश के वास्ते जीना।
चौड़ा है तब होय, वायु वीरों का सीना।।
2
आजादी का देश में , मना अमृत यह पर्व ।
भारतवासी हैं करें , जाँबाजों पर गर्व।।
जाँबाजों पर गर्व , करे भारत का झंडा।
होता उनको दर्प , बाँध के वादा गंडा ।।
लगे नहीं अब सेंध, जाग जाए आबादी।
इसको रखो सँभाल , हमें प्यारी आजादी।।
3
भारत दो सौ साल तक, जग में रहा गुलाम।
प्राण चुका के वीर ने , दिए देश ने दाम ।।
दिए देश ने दाम , सहा संकट अति भारी।
हुआ देश आजाद, सुबह आयी उजयारी।।
गूँजा जय का नाद , गुने बलिदान इबारत।
साँसे रहें आबाद , सदा है प्यारा भारत ।।
4
सींचे रण को खून से , भारत का हर वीर ।
हमने पायी है तभी , आजादी की हीर।।
आजादी की हीर , सुखद अहसासें देती ।
बदली यह तस्वीर ,हृदय को है भर लेती।।
फूली है नव आस , रहे पलकों के नीचे ।
महकी जन की साँस , प्रगति - उन्नति को सींचें ।।