STORYMIRROR

डॉ मंजु गुप्ता

Classics Fantasy Inspirational

4  

डॉ मंजु गुप्ता

Classics Fantasy Inspirational

दोहों में रंगा देश - विदेश

दोहों में रंगा देश - विदेश

1 min
250

होली की शुभकामना, भेज कनाडा देश।

एक तान लय में रँगे, सारा जग परिवेश।।


गले लगाने आ गया, फाग कनाडा द्वार।

भाईचारे में घुला, रंगों का त्यौहार।।


मुमताजी अंदाज में, छलके हर्षल रंग।

प्रेम प्रीत में भीगकर, हुए विदेशी दंग।।


मेपल वन में झूमते, मधुर कोकिला बोल।

सुने कनाडा राग को, फाग बजाए ढोल।।


सीमाओं पर हैं खड़े, शूर वीर प्रह्लाद।

आतंकी को मार के, अमन करें आबाद।।


आया फागुन झूम के, लाया रंग बहार।

बजी मुरलिया श्याम की, चहका राधा प्यार।।


घोला कोरे कलश में, समरसता का इत्र।

खुशियों से महके सदा, जीवन बगिया मित्र।।


नेह भरी होली सदा, रहे आपके संग।

मंगल हो जग आपका, खिले दुआ में रंग।।


ऊँच -नीच के भेद सब, मेटे यह त्यौहार।

रंग लगाएँ गात पर, बहे प्रेम की धार।।


धूम मची है फाग की, बजते ढोल मृदंग।

निकली घर से गोरियाँ, लिये हाथ में रंग।।


बरसाने की छोरियाँ, आयी मथुरा द्वार।

प्रेम खुशी के संग में, रंग मले हुरियार।।


जल थल नभ फिर से रँगा, मेघ हुए हैं लाल।

श्याम रंग राधा हुयी, डाले कृष्ण गुलाल।।


दहका टेसू डाल पर,छंद झरे नवगान।

तीन रंग में है रँगा, भारत वीर जवान।।


होली का संदेश है, खुद कर आत्मप्रकाश।

जले ज्योति बिन तेल तब, दिन - रात मनाकाश।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics