STORYMIRROR

डॉ मंजु गुप्ता

Abstract Inspirational

3  

डॉ मंजु गुप्ता

Abstract Inspirational

माँ धरती -चाँद

माँ धरती -चाँद

1 min
248

माँ तो चाँद - सितारा है

इसलिए माँ पर चाँद बिंदु लगी है

जब दिल पर चोट लगी

तो माँ याद आयी 

मैं तो अहसानमंद हूँ

अपनी माँ की 

अश्क आँखों में 

न आने देती थी 

दिल में रहती थी 

बेपनाह मोहब्बत, धैर्य की धरा

सहती सब का बोझ 

अन्नपूर्णा बन

 देती सब को जीवन 

और

ममता की मूरत माँ

आसमानी आँचल की चाँद थी ।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract