माँ धरती -चाँद
माँ धरती -चाँद
माँ तो चाँद - सितारा है
इसलिए माँ पर चाँद बिंदु लगी है
जब दिल पर चोट लगी
तो माँ याद आयी
मैं तो अहसानमंद हूँ
अपनी माँ की
अश्क आँखों में
न आने देती थी
दिल में रहती थी
बेपनाह मोहब्बत, धैर्य की धरा
सहती सब का बोझ
अन्नपूर्णा बन
देती सब को जीवन
और
ममता की मूरत माँ
आसमानी आँचल की चाँद थी ।