STORYMIRROR

वैष्णव चेतन "चिंगारी"

Abstract

4  

वैष्णव चेतन "चिंगारी"

Abstract

✍️बदलते कैलेंडर की✍️ ( 37 )

✍️बदलते कैलेंडर की✍️ ( 37 )

1 min
160

दीवार पर लगी कील में

लगा कैलेंडर,

अपनी दादाागिरी से

हर रोज

तारिक बदल देता था,

पर

हार नहीं मानी 

उस तारिक और कील ने,

आखिर 

मेहनत रंग लाई

उन दोनों की,

और

आज की तारिक ने 

कैलेंडर ही बदल दिया

उस दीवार पर लगी कील से !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract