तारीखें भी यादों से भरी होती है तारीखें भी यादों से भरी होती है
ज़िन्दगी ज़िन्दगी न रही, बन गई महज एक तारीख। ज़िन्दगी ज़िन्दगी न रही, बन गई महज एक तारीख।
देश द्रोही का मुकदमा शायर पर अभी कायम है। देश द्रोही का मुकदमा शायर पर अभी कायम है।
बदली है तारीख आज बस खुशियों के आसार नहीं। बदली है तारीख आज बस खुशियों के आसार नहीं।
अच्छा लगा खुद को फिर खुद से मिलकर। अच्छा लगा खुद को फिर खुद से मिलकर।
ये पढ़ क्यों नहीं पाई कभी-कभी इसकी कहानी सुनाती है। ये पढ़ क्यों नहीं पाई कभी-कभी इसकी कहानी सुनाती है।