बजट 2021
बजट 2021
बजट तुझसे मुझे थी बड़ी आस है
पर तुझे सुनकर हुआ में हताश है
कार खरीदने का ख्वाब टूट गया,
कार का भी अब बढ़ गया भाव है
मोबाइल फोन ने दिया बड़ा घाव है
इसकी कीमती में आया उछाल है
मध्यमवर्गीय को लगा बड़ा झटका,
न मिली इनकमटैक्स में छूट खास है
कॉरपोरेट जगत भले खुश हुआ हो,
पर गरीबी की न हुई पूरी प्यास है
ख़्वाब सारे भले चकनाचूर हो गये हैं,
घर में ब्याज छूट से मिली खुराक है
बैंक लूटे तो भी पैसा मिलेगा पूरा,
ये राहत देना भी बहुत बड़ी बात है
बजट से भले उम्मीद न हुई पूरी
फिर भी में रहूंगा खुशमिजाज है
अपने हाथों में वो लकीर है,साखी,
जिनसे शूलों में खिलेगा स्वराज है
तू बजट से उम्मीद को छोड़ दे,
खुद को बना नव दीप प्रकाश है।
