कुल्हड़ में गर्म इश्क़
कुल्हड़ में गर्म इश्क़
कहते हैं बनारस की गलियों में,
कुल्हड़ में गर्म इश्क़ मिलता है।
जाड़े की सुबह लगती है हसीन
जब चाय की टपरी पर,
वो कुल्हड़ को दोनों हाथों में लिए
चाय से इश्क़ करता है।
कितने सब्र से लेता है , धीरे-धीरे चुस्कियां
होठों पर शक्कर घुलने देता है।
ऐसी रोमानियत चाय में डूबी हुई,
सिर्फ बनारस की गलियों में दिखती है।
जहाँ चाय कढ़ती है आग पर,
फिर शाम सी गहरी हो जाती है ।
शहरों में तो सड़कों पर सिर्फ चाय उबलती है,
और झटके से गले के नीचे उतरती है।
बनारस में है रोमानियत, या वहाँ के लोगों में
एक ज़रा सी चाय भी इश्क में डूबी हुई लगती है।