रंग मोहब्बत के
रंग मोहब्बत के
रंग मोहब्बत के भर लें सारे, आ इस जिंदगी में,
कुछ ना बाकि रह जाए अधूरा , इस जन्म में।
मरने से पहले आ चल जी लें ज़रा,
तोड़ दें बंधन सारे, जीने के कायदे बदल दें ज़रा
चल आज बेपरवाह होते हैं थोड़ा।
तू घुल जा इश्क़ में मेरे , मिश्री की तरह
और मैं नमक बन जाऊँ, तेरी जिंदगी का।
सागर में जैसे उफनती लहरें,
कुछ वैसी ही है आज, मेरे दिल की धड़कन।
दुनिया तोड़ दे इससे पहले , तेरे-मेरे ख़्वाबों का घर
चल "हम" बन जाते हैं आज, छोड़कर "मैं" होने का दम्भ।
रंग लेते हैं मोहब्बत के रंगों से , आ अपने ख़्वाबों का घर,
भूल जाते हैं आज धर्म और जाति को अपनी,
मोहब्बत को अपना धर्म मान लेते हैं,
चल आज तू और मैं, हम बन जाते हैं।