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Priyanka Sahu

Romance

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Priyanka Sahu

Romance

वो मेरी कविता में है

वो मेरी कविता में है

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वो मेरी कविता में है

और है

मेरी डायरी के हर एक पन्ने में... 

उसकी मुस्कराहट और छुप कर देखना मुझे

कैसे कर लेता था वो ये सब? 

पता नहीं.... 

पर हां... 

मुझे भी अच्छा लगता था

जब वो दूर किसी कोने से

सिर्फ और सिर्फ

मुझे देखता था... 

मानो हर वक़्त, मेरे तरफ ही रहती थी

उसकी निगाहें... 

और जब मैं उसे देखती

वो शर्म से आंखें झुका लेता था... 

जाने क्यों मुझसे डरता था! 


बड़े दिनों बाद फिर से मुलाकात हुई उससे

इस बार कॉलेज में

पर... 

वही सिलसिला चल रहा है...

जाने क्या होगा आगे

पता नहीं... 

फिर भी... 

इंतजार है सही वक़्त का... 


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