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Irfan Alauddin

Abstract Romance

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Irfan Alauddin

Abstract Romance

हर इक दिल है

हर इक दिल है

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हर इक दिल हैं यहाँ ग़म का मारा

तुम्हें मुबारक हो नया इश्क़ तुम्हारा


तुम्हें फ़िक्र हैं दुनिया वालों की जाँ

तुम निभाओ जो हैं फर्ज़ तुम्हारा


जो हो रहा हैं यहाँ वो होने दो जाँ

आज वक़्त हैं तुम्हारा कल हैं हमारा


अभी तक बदली नहीं मैंने मोहब्बत

अभी तक दिल में बसा प्यार तुम्हारा


क़सम हैं तुम्हें मेरे आँसुओं की जाँ

कभी याद न करना हम को दुबारा


न बदला हैं न बदलेगा कभी जाँ

वही तीर तलवार वो नश्तर तुम्हारा



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