कही अनकही बातों को भूलाकर अब मानवता का श्रृंगार हो, कही अनकही बातों को भूलाकर अब मानवता का श्रृंगार हो,
मुबारक हो आपको मकरसंक्रान्ति का त्योहार। मुबारक हो आपको मकरसंक्रान्ति का त्योहार।
हर रोज मिरे लिए कुछ मीठा भेजना कैसे भूल जाऊं मेरा वक़्त- बे- वक़्त डांटना क्यूँ भेजा हर रोज मिरे लिए कुछ मीठा भेजना कैसे भूल जाऊं मेरा वक़्त- बे- वक़्त डांटना ...
पेश है एक बार फिर एक नई कोशिश मेरी, आज तेरी ख़िदमत में पेश है एक बार फिर एक नई कोशिश मेरी, आज तेरी ख़िदमत में
दर्पण हो मन अपना हरदम, चारों ओर खुशहाली, दर्पण हो मन अपना हरदम, चारों ओर खुशहाली,
अलविदा भाई मेरे ! बाय-बाय ब्रदर ! अलविदा भाई मेरे ! बाय-बाय ब्रदर !