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Almass Chachuliya

Abstract

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Almass Chachuliya

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नव वर्ष का शुभारंभ

नव वर्ष का शुभारंभ

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गुजर गया २०२० का ये साल

लेकर आया ये कोरोना काल

लिया इस वबा ने रूप एेसा महाकाल

पूरी दुनिया का हो गया बुरा हाल

किसी के ख्वाब तो किसी के 

अपने को ले गया ये कोरोना काल


अब तक भी ना इस वबा का कहर थमा है,

अमीरों को ना कुछ फर्क पड़ा है

गरीब मजदूर रोज़ी-रोटी के लिए तरस रहा है,

हर इंसान चेहरे पर नकाब पहने हुए खड़ा है,


दुनिया में फैलाया एेसा कोरोना ने अपने कहर को

चहल-पहल सी रहती थी जहाँ चारों ओर

सूना कर दिया गलियों,

बाज़ारों और शहरों को

कोरोना तेरे कारण हर 

त्यौहार ना भाया किसी को

मौत भी आ जाए तो, ना आता

कोई अर्थी पर फूल चढ़ाने को


आ गया है, अब जो ये नया साल

दिल की गहराई से करते है हम

नव वर्ष का आगाज

बिता जो २०२० का जैसा साल

या रब करते हैं ये दुआ हम

ना बीते एेसा आने वाला नया साल

नव वर्ष का उगता सूरज

नई किरणों के साथ लेकर आए

ज़िन्दगी में नया उजास


है ईश्वर या अल्लाह रहमतो और

खुशियों से भरा ये नया साल हो,

इस वबा का दुनिया से

पूरी तरह से अब अंत हो,

ना कभी सन्नाटा सड़कों पर अब हो

हर मुल्क में अमन और शांति का बसेरा हो,

कही अनकही बातों को भूलाकर

अब मानवता का श्रृंगार हो,


बीते हुए साल से विदा लेकर

फ़िज़ाओं में बहार लिए नई 

उम्मीदों और नए संकल्प के साथ

२०२१ का ये नया सफर अब शुरू हो

दुआओं की सौगात लिए,

झिलमिलाते तारों के साथ

आप सभी को नव वर्ष

बहुत - बहुत मुबारक हो।


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