खुशियों की तलाश
खुशियों की तलाश
लगाकर पंख सपनों को उड़ान ऐसी है, भरना
अपनी मंजिल तक पहुँचने का
जज़्बा दिल में तू बनाये रखना,
छू लेना आसमान जमीं की
तलाश ना करना,
हर काली रात के बाद होता है, सवेरा
ना होना उदास गर हार जाऐ ज़िन्दगी में सब कुछ
हार में भी अपनी खुशियों को तलाश तू करना,
ज़िन्दगी के इस समंदर में आऐंगे
राहों में तूफ़ान इस तरह
हर तूफ़ान से डट कर लड़ने का
हौंसला खुद में बुलंद तू रखना,
भूला कर खुद के सारे गमों को
कभी किसी की खुशियों का
हिस्सा बन कर तू देखना
कल को किसने देखा है यार मेरे
कल के लिए अपने आज को ना तू खोना,
मिल जाए खुशियों की बहार
तो झोली में अपने समेट तू लेना
अपनों के साथ हर लम्हा ख़ुशनुमा बन जाए
ऐसा खुशियों का जहान ढूंढ तू लेना,
अपने आशियाने को सवाँरना
उस बगिया की तरह
कि हर इक कोना महक उठे
फूलों की खुशबू की तरह
वक़्त का क्या है, ये ना रूका है
ना रुकेगा कभी किसी के लिए
तलाशने खुशियों को अपनी
वक्त का इंतजार ना तू करना
लगाकर पंख सपनो को उड़ान ऐसी है भरना
छू लेना आसमान को ज़मीन की तलाश ना तू करना!
