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Pinki Khandelwal

Abstract

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Pinki Khandelwal

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जादू

जादू

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अपनी प्रतिभा का नाम दूं,

या अपनी कलाकारी को शाबाशी,

पल में कर देता जादू मैं हूं जादूगर,

जिसकी कलाकारी से लोग होते मनोरंजित,


तरह तरह के जादू से,

बटोरता हूं मैं ताली,

मुझमें छुपी हुई एक कला है,

जिसका नाम है जादू,


लोगों को करता आकर्षित,

दिखा अपनी प्रतिभा से,

बनाई अपनी एक पहचान,

कि हूं मैं जादूगर जो करता विभिन्न कलाकारियां,


लोग सीखना चाहते बनना चाहते मेरे जैसा,

चेहरे पर ला देता मुस्कान मैं,

आसान नहीं लोगों को भ्रमित करना,

फिर भी कर देता मैं,

जादू बेशक करता हूं पर यह तो हाथ का खेल है,

जिसमें पारंगत इंसान ही कहलाता जादूगर हैं।


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