STORYMIRROR

Dinesh Dubey

Abstract

4  

Dinesh Dubey

Abstract

जय माता जी

जय माता जी

1 min
231

शुरु हुई नवरात्रि जय माता जी,

माता का सजा दरबार है,

छाया सबमें उल्ल्ह्हास है,

जय माता जी,


कृपा करो तुम मैय्या सब पर 

मईया मईया सभी पुकारे 

सुन ले सबकी पुकार तु,

पार लगाओ नैया सबकी,


सभी फसे मझधार है,

बेबसी ने सबको मारा 

सबको तुम्हारा है सहारा 

कृपा करो हे मईया,


कर दो बेड़ा पार सभी का,

जय माता जी।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract