नमन तुम्हें मां
नमन तुम्हें मां
नमन तुम्हें है नमन तुम्हें मां।
सजाया है मंदिर में तेरा दरबार ओ मां।
पहले दिन आई हैं शैलपुत्री हमारे द्वार
वंदन करूं मैं उनका बारंबार।
दूजे दिन आई मां ब्रह्मचारिणी।
इस भवसागर से मां तारणहारिणी।
तीजा दिन मां चंद्रघंटा का आया
दुर्जनों से मां ने हम को बचाया।
आया चौथा दिन मां कुष्मांडा का।
सुगंध से पूरा घर महकाया।
पांचवें दिन आई स्कंदमाता।
करूं मैं पूजन हे मोक्ष की दाता।
छठे दिन आईं कात्यायनी माता,
वाहन सिंह है सब खुशियों की दाता।
सातवां दिन कालरात्रि मां का मानो
दुष्टों अब तुम अपनी खैर मना लो।
आठवें दिन आई मेरी मां महागौरी।
मां तुम बिन कौन सुनेगा मेरी।
नवम दिन है सिद्धिदात्री मां का।
नमन है तुमको हे मां तेरी पुत्री का।