पहले जैसा
पहले जैसा
पहले जैसे अब कोई त्यौहार नहीं है,
मनुष्य का मनुष्य से ब्यौहार नहीं है।
देखो पहले थे हम कितने मिलनसार,
अब देखो,आपसी कोई प्यार नहीं है।
देखो पहले थे हमारे कितने रिश्तेदार,
अब खुद का कोई सच्चा यार नहीं है।
पहले थे कितने हमारे पूछने वाले यहाँ ,
अब कोई भी हमारा तलबगार नहीं है।
समय ने पैसे से कमजोर क्या किया,
भाइयों को भाइयों से अब प्यार नहीं है।
