हाथों का जादू
हाथों का जादू
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पहचान ना पाया था, मैं यह हाथों का कमाल।
मेहनत करना सिखाया है,जी जान जैसे समाया था।
आज मैंने पाया है इनमें अनमोल जादू करिश्मा तेरा,
मैंने आज सीखा है।यह खजाना मेरे साथ आजीवन था।
आज सब ने साथ छोड़ा है, मेरा तो इनकी अहमियत जानी है।
मैं कैदी हूं इन तन्हाई के पलों में यही मेरे साथी हैं।
जो जो कमियां थीं उन्हें बखूबी से निखारा है
आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाया है।
पल पल आश्रित हो बैठा था।
अगर ना होता घर में बंद, ना हो पाता इनसे नाता।
जन-जन में जागृति ला दी, सदियों से थे यह मेरे साथी।