यात्रा बहुत छोटी है
यात्रा बहुत छोटी है
जीवन यात्रा बहुत छोटी है
हाँ हाँ यात्रा बहुत छोटी है
अपमानित हुए तो क्या
विचलित होना।
यात्रा बहुत छोटी है।
सम्मानित हुए तो क्या
अहंकारित होना
यात्रा बहुत छोटी है।
किस बात का तनाव
किस बात की जलन
किस बात का असंतोष
किस बात की गलन
हृदय में है क्या भूल जाओ
क्युँकि यात्रा बहुत छोटी है।
चार दिन की जिंदगी
तो किस बात का भाव
नहीं हाथ में है कुछ भी
तो किस बात का ताव
मन में है जो भूल जाओ
क्युँकि यात्रा बहुत छोटी है।
बहस किस लिए करूँ
जब साथ कुछ जाना नहीं।
विषय पदार्थ में भटकना
जब खास कुछ पाना नहीं।
उस परमेश्वर को याद रखो
क्युँकि यात्रा बहुत छोटी है।
