जादू
जादू
जब निकलती पहली किरण,
घुप अंधेरा छंटता है,
तब जादू कोई होता है।
चिड़ियां गाती मिलजुलकर,
संगीत ही सब ओर होता है,
तब जादू कोई होता है,
नीले आसमान में,
जब इन्द्रधनुष निकालता है,
रंग चारों ओर घुल जाता है
तब जादू कोई होता है,
वर्षा की बूंदे जब,
जमीन को सहलाती है,
उमंग चारों ओर छा जाता है,
तब जादू कोई होता है,
खिलते हैं जब फूल
फैल जाती उसकी खुशबू
महक चारों ओर होता है
तब जादू कोई होता है।
बहती नदियाँ कलकल,
जीवन गति पा जाता है,
तब जादू कोई होता है,
प्रकृति के सब रूपों में
जादू कोई होता है,
न खेलें इससे हम सभी
आओ संकल्प ले हम सभी
करें इसकी रखवाली,
तब देखे कितना सुंदर,
ये दुनियाँ होता है,
तब जादू कोई होता है।
