pawan punyanand
Drama
हाँ, मैं लिखूंगा
चाहे तुम्हारी वेदना,
फिर से जागे।
हाँ, मैं खींचूगा, ऐसी
आड़ी-तिरछी रेखाएँ
जो तुम्हारे मन-मस्तिष्क को
झकझोर डाले।
हाँ, मैं समय के पन्नों पर
आग की स्याही से लिखूंगा
रोक सको तो रोक लो।
मेरी कविता-1
माँ नहीं जाना...
जादू
दोस्त
धारणा
पिता 2
पिता
मैं लिखूंगा -...
tera pura hak hai muse ruth ne ka tera pura hak hai muse ruth ne ka usse bhi zyada tera oura hak ... tera pura hak hai muse ruth ne ka tera pura hak hai muse ruth ne ka usse bhi z...
Zindgi ko sabse aasan banane vali Meri behen, Kudh bhale hi kitni bhi stress me ho per Meri zindgi... Zindgi ko sabse aasan banane vali Meri behen, Kudh bhale hi kitni bhi stress me...
भगवान् था, शैतान था, हैवान था, ज़िंदा होकर भी...वो बेजान था। भगवान् था, शैतान था, हैवान था, ज़िंदा होकर भी...वो बेजान था।
Ha ! Akeli hu mei Kyuki koi aaj tak samj nahi pata muje Kehte hai bohot immature hai tu Ha ! Akeli hu mei Kyuki koi aaj tak samj nahi pata muje Kehte hai bohot immat...
इसीलिए तो वह मेरी बेटी भी है और माँ भी। इसीलिए तो वह मेरी बेटी भी है और माँ भी।
नथ *बरसे कबसे जाने ये बदरिया* की मन मेरा झूमे जाए रे, कहे बोले ये मयूरा की नथ *बरसे कबसे जाने ये बदरिया* की मन मेरा झूमे जाए रे, कहे बोले ये मयूरा की
न नारी अबला होती है और न ही औरत लाचार होती है। न नारी अबला होती है और न ही औरत लाचार होती है।
दो राहें थी, इक घर को इक सपनों की ओर चली...। दो राहें थी, इक घर को इक सपनों की ओर चली...।
माँ की कितनी बात सुनाऊँ, ममता की प्रतिमूर्ति ऐसी, देवी छोटी पड़ जाती है, धरती पे माँ कहलाती है। माँ की कितनी बात सुनाऊँ, ममता की प्रतिमूर्ति ऐसी, देवी छोटी पड़ जाती है, धरती प...
पापा तुम्हें कह नहीं पाती, हर शुक्रिया से ज्यादा तुम्हें प्यार करती हूँ। पापा तुम्हें कह नहीं पाती, हर शुक्रिया से ज्यादा तुम्हें प्यार करती हूँ।
ख़ुशी तो जी बस इतनी है जब भी सुकून की तलाश में निकलें हैं, किसी ने आज तक धर्म नहीं पूछा मज़ारों में... ख़ुशी तो जी बस इतनी है जब भी सुकून की तलाश में निकलें हैं, किसी ने आज तक धर्म ...
बन्द कर दिया,पाक का हुक्का-पानी याद दिला दी,पाक को उसकी नानी क्या पाक भूल गया है,पुरानी कहानी कैसे ह... बन्द कर दिया,पाक का हुक्का-पानी याद दिला दी,पाक को उसकी नानी क्या पाक भूल गया है...
बंद है पलके और मौन है अधर अंदर ही अंदर बजता है संदल कोई न राजदार दिखता है नज़र हर घर में होता है र... बंद है पलके और मौन है अधर अंदर ही अंदर बजता है संदल कोई न राजदार दिखता है नज़र ...
हाँँ ! वो उड़ना चाहती है उड़ना चाहती है गिरना चाहती है गिरकर उठना चाहती है पर वो रुकना नही चाहती, बस व... हाँँ ! वो उड़ना चाहती है उड़ना चाहती है गिरना चाहती है गिरकर उठना चाहती है पर वो र...
Muje kudhse hi hogya hai pyaar Ha Muje kudhse hi hogya hai pyaar Sayad Muje kudhse hi hogya hai pyaar Ha Muje kudhse hi hogya hai pyaar Sayad
अम्मा क्या गई, कुछ दिनों के वास्ते अपनी अम्मा के घर ! अम्मा क्या गई, कुछ दिनों के वास्ते अपनी अम्मा के घर !
"श्री पराशर" ज्ञान के महासागर भगवान श्री पराशर वेदव्यास जी के पिता "श्री पराशर" ज्ञान के महासागर भगवान श्री पराशर वेदव्यास जी के पिता
मंजिल नाम अपने इस बार कर चल उठ प्रण कर ना क्षण एक बेकार कर...! मंजिल नाम अपने इस बार कर चल उठ प्रण कर ना क्षण एक बेकार कर...!
मेरे तकिये -चादर का एक गीत सुनाता हूँ जब भी ऐतराज़ की रौशनी में तुझे भूलने के करीब हो... मेरे तकिये -चादर का एक गीत सुनाता हूँ जब भी ऐतराज़ की रौशनी में तुझे...
मेरे मन के युद्ध मुझे तेरी पूजा ना करने देंगे। मेरे मन के युद्ध मुझे तेरी पूजा ना करने देंगे।