pawan punyanand
Abstract
सफेद स्याही नहीं होती,
होती तो शायद,
झूठ लिखी जाती
इसी से।
सच, काले रंग का
प्रतीक बन जाता।
माँ नहीं जाना...
जादू
दोस्त
धारणा
पिता 2
पिता
मैं लिखूंगा -...
इंसानियत
इक ख़ुशबू-सी सब ओर उड़़कर, मन मोहती है... इक ख़ुशबू-सी सब ओर उड़़कर, मन मोहती है...
चकाचौंध से हटकर विचारों को मान देता है। चकाचौंध से हटकर विचारों को मान देता है।
मैं मुस्कुराई भी कभी, रोई भी कभी ज़ार ज़ार सवाल वहीं का वहीं -ढो रही मैं भार ! मैं मुस्कुराई भी कभी, रोई भी कभी ज़ार ज़ार सवाल वहीं का वहीं -ढो रही मैं भा...
बालों में सफेदी, कमर में धनुष सा झुकाव बालों में सफेदी, कमर में धनुष सा झुकाव
जब तक है यह सांस, यह स्पंदन तब तक तो है ही यह गठबन्धन। जब तक है यह सांस, यह स्पंदन तब तक तो है ही यह गठबन्धन।
परिवार समाज में अपनी छवि बिगाड़िए अपने ही पैरो पर कुल्हाड़ी चलाइए परिवार समाज में अपनी छवि बिगाड़िए अपने ही पैरो पर कुल्हाड़ी चलाइए
राजकुमार होकर भी सहर्ष स्वीकारा सन्यासी जीवन राजकुमार होकर भी सहर्ष स्वीकारा सन्यासी जीवन
आपका क्या है, आप वादा करके मुकर भी सकते हो। आपका क्या है, आप वादा करके मुकर भी सकते हो।
संसद गये हो गये सांसद पक्ष विपक्ष न कोई भेद संसद गये हो गये सांसद पक्ष विपक्ष न कोई भेद
रम, व्हिस्की और वोदका की बारिश करने का ऐलान किया हो। रम, व्हिस्की और वोदका की बारिश करने का ऐलान किया हो।
दर्पण सबसे अच्छा है सच्ची तस्वीर दिखाता है इसीलिए हर कोई इससे छिपता नजर आता है दर्पण सबसे अच्छा है सच्ची तस्वीर दिखाता है इसीलिए हर कोई इससे छिपता नजर आता ह...
हम उस पर ज़रा सा शक भी भला कैसे करते, कभी जब मिलता पहले सा मिलता वो मुझसे। हम उस पर ज़रा सा शक भी भला कैसे करते, कभी जब मिलता पहले सा मिलता वो मुझसे।
जीवन रूपी भूकंप मापते रहे जीवन रूपी भूकंप मापते रहे
रूखी सूखी मिले पेट भर, इतना हक़ जतलाता है ! रूखी सूखी मिले पेट भर, इतना हक़ जतलाता है !
धोखे में रखकर उलझाते हैं कुछ इस तरह, असली चेहरा नकाबों में छुपाते हैं। धोखे में रखकर उलझाते हैं कुछ इस तरह, असली चेहरा नकाबों में छुपाते हैं।
रंग बिरंगी खुशियों के अनमोल पलों की , भावों के त्योहार का पावन जश्न है होली। रंग बिरंगी खुशियों के अनमोल पलों की , भावों के त्योहार का पावन जश्न है होली।
अपना वो कहिनूर सा हुनर खोजिये। अपना वो कहिनूर सा हुनर खोजिये।
बुद्धत्व प्राप्त हुआ है न जिंदगी मुझे बड़े मजे ही करा रही है। बुद्धत्व प्राप्त हुआ है न जिंदगी मुझे बड़े मजे ही करा रही है।
कोई कहता तंत्र-मंत्र है, कोई अद्भुत शक्ति कहे। कोई कहता तंत्र-मंत्र है, कोई अद्भुत शक्ति कहे।
इस इंतज़ार का क्या कहना सामने खड़ी है ख़ुशी , और मैं बैठी उसकी ताक में! इस इंतज़ार का क्या कहना सामने खड़ी है ख़ुशी , और मैं बैठी उसकी ताक में!