दोस्त
दोस्त
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है दोस्त वो ,
जो खड़ा रहे
विपत्ति में भी
डटकर ,
सुख में दोस्त के
जो सुखी हो जाये ,
दुःख में
साथ छोड़कर
ना भाग जाये,
दोस्त का है कर्त्तव्य
सत्य-पथ दिखलाये ,
हो मार्ग कठिन
तो भी साथ निभाये,
दोस्त वो जो
गलत को गलत बतलाये ,
राह सही दिखा कर
अपनी दोस्ती निभाये,
दोस्ती में ना हो केवल
स्वार्थ-सिद्धि का बल ,
यह हो पवित्र- निश्छल.
