मेरी कविता-1
मेरी कविता-1
सड़कें रोकती नहीं
किसी राही को,
वह देखती रहती हैं,
बस उसे जाते
वो जानती हैं,
वापस कोई शायद
ही आयेगा ।
जैसे प्रेम में धोखा खाई
लड़की जानती है ।
सड़कें चलती नहीं ,
वो इंतजार करती रहती हैं ,
उस राही का।
