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pawan punyanand

Tragedy

4  

pawan punyanand

Tragedy

मेरी कविता-1

मेरी कविता-1

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4

सड़कें रोकती नहीं 

किसी राही को,

वह देखती रहती हैं,

बस उसे जाते

वो जानती हैं,

वापस कोई शायद 

ही आयेगा ।

जैसे प्रेम में धोखा खाई 

लड़की जानती है ।

सड़कें चलती नहीं ,

वो इंतजार करती रहती हैं ,

उस राही का।


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