गौ मां पर दया करो
गौ मां पर दया करो
गौ माता के भक्षक सुन लो,
तुम्हें एक दिन जलना होगा,
किया जो पाप मुख प्राणी पर,
कर्ज उसका चुकाना होगा।
आर्यों की धरती पर रहकर,
दया, धर्म क्यों छोड़ दिया,
श्रीराम कृष्ण की इस धरती को,
गौ हत्या कर अत्याचार किया।
गो अमृत की खान सदा से,
जिसने सबको जीवन दान दिया,
देव तुल्य उसे सनातन मां का,
एहसान भी तुमने भुला दिया।
हर जाति,धर्म के बच्चों को पाला,
नहीं कभी भेदभाव किया,
अपने कपट,द्वेष की खातिर,
उस अबला को मार दिया।
भूल गए उपकार उस मां का,
हे असुर तुम्हें दया ना आई,
चुकाना होगा हिसाब पापो का,
ममतामयी गो हत्या का।
भस्म कर देगा तुमको,
क्रोध गौ रक्षक गोपाल का,
अत्याचार किया गो मां पर,
तो मौन हमारा टूटेगा।
होगा जो मां का सपूत तो,
नहीं सहन कर पाएगा
वंदे मातरम,जय गोपाल से,
तब आकाश भी गूंजेगा।
भक्ति की मूर्ति के कोप से,
तुम्हें एक दिन जलना होगा,
शरण दी जिसने अपने अंचल में,
उसे एक दिन छोड़ना होगा।
अत्याचार किया था गो पर,
रावण, कंस,सहस्त्रबाहु ने,
पाप अग्नि में जलना पड़ा,
उन असुर हत्यारो को।
मुगल,फिरंगी के इतिहास
को तुमने तो पढ़ा ही होगा,
नाश हुए समूल सभी,
क्या फिर इतिहास दोहराना होगा ?
पुरगाथाओं ने बताया,
गोसेवा को करना होगा,
जाग जाएगा हिंदू जिस दिन,
उस दिन कर्ज चुकाना होगा।
गौ माता के हत्यारे सुन लो,
तुम्हें एक दिन जलना होगा,
गो मां की सेवा ना करके,
दुःख, व कष्ट सहना होगा।
हे सठ,मूर्ख। पाखंडी, अज्ञानी,
बीती बातों से समझा करो,
गौ मां पर दया करो,
तुम गौ मां की सेवा करो।
