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Dharmender Sharma

Abstract Action Inspirational

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Dharmender Sharma

Abstract Action Inspirational

आस्था का महाकुंभ

आस्था का महाकुंभ

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आर्यों की धरती पर लगा,

सनातन का यह महाकुंभ है,

आगाज है श्रद्धा और प्रेम का,

पिपासाओं को करता तृप्त है ।


साधु, संतों, सन्यासी, और,

गृहस्थियों का है मनभावन,

देता ज्ञान, वैराग्य उनको,

कर देता भक्ति से पावन ।


मकरेंदूर्क गुरु वृषभ जब,

तीनों मिलते काली रात, 

तब जानो की श्रद्धा का,

लगने वाला है मेला आज ।


बारह कुंभ से महाकुंभ है,

ऐसा योग है मिलता कम,

तन की डुबकी मात्र से ही,

दूर होते मन भी सबके गम ।


ईश्वर भी नर बनकर आते,

महाकुंभ का स्नान है करते,

धर्म ध्वजा ले चलते मार्ग पर,

भक्ति,ज्ञान से है भर देते ।


आस्था का महाकुंभ का जो,

सभी पंथों का करता मान,

सबको कर देता है पावन,

धो देता है सबके पाप-संताप।


जो निर्मल हम सबको करता , 

उसको हम भी स्वच्छ रखें ,

मान करे उस आस्था का ,

जो सबका सम्मान करें।



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