अन्यथा याद रखो प्रलय मुझमें ही रहता है कहीं। अन्यथा याद रखो प्रलय मुझमें ही रहता है कहीं।
हे धरा कितना त्याग, समर्पित रूप है आपका ! हे धरा कितना त्याग, समर्पित रूप है आपका !
मिली है कोख से माँ की हमारी मातृभाषा है। मिली है कोख से माँ की हमारी मातृभाषा है।
बस देना हमें अपने प्यार और अथाह संयम की सीख। बस देना हमें अपने प्यार और अथाह संयम की सीख।
कई बार हमारी कोई स्मृति हमें असमंजस में ला छोड़ती है कई बार हमारी कोई स्मृति हमें असमंजस में ला छोड़ती है
गृहस्थ, समाज, रिश्ते निभाती सर्वस्व अपना न्योछावर करती गृहस्थ, समाज, रिश्ते निभाती सर्वस्व अपना न्योछावर करती