गुरु पूर्णिमा पर विशेष
गुरु पूर्णिमा पर विशेष
गुरु आत्मा,गुरु परमात्मा,
गुरु ही गुणों की खान,
गुरु ज्ञान है, गुरु विज्ञान,
गुरु ही जीवन का सार।
मिटा देते मन के क्लेश सब,
करते सदा भव से पार,
सिखाते कला जीवन जीने की,
काट देते दुःख कष्ट विशाल।
गुरु ही दिखाते सत्य राह,
मिटाते मन –माया का जाल,
बना देते है सभ्य विद्वान,
चेतन कर देते संस्कार।
कभी डांट कर,कभी प्यार से ,
कभी कमियां बताते समझाकर,
जिंदगी जीने की कला सिखाते,
मिलाते प्रभु को इस जहां पर।
ईश्वर से मिलना नहीं मुश्किल,
बताते रहते उपाय आसान,
मुश्किलों से है जब घिर जाते,
पार करने आ जाते तत्काल।
दूर कर देते तम तन –मन से
जगा देते ज्ञानपुंज प्रकाश,
सूर्य –सा स्वयं जलकर,
चंद्र –सी करते शीतलता प्रदान।
रे मन न भूल गुरु को,
गुरु की महिमा है अपार,
जो जन जीते गुरु ऊऋण को,
मिले उनको साक्षात भगवान।
