वह मेरी माँ है, उस अमित प्रेमिल नदी की धार मैं हूँ। वह मेरी माँ है, उस अमित प्रेमिल नदी की धार मैं हूँ।
माता पिता हमारे भगवन प्रातः उठ करें उन्हें नमन । माता पिता हमारे भगवन प्रातः उठ करें उन्हें नमन ।
तेरे लाड़ दुलार की अमूल्य सौगात कभी ना लौटा पाऊंगा! तेरे लाड़ दुलार की अमूल्य सौगात कभी ना लौटा पाऊंगा!
यह एक ऐसा पद है जिसके आगे सारे पद बौने होते हैं। यह एक ऐसा पद है जिसके आगे सारे पद बौने होते हैं।
तो कभी कैद होता गया अपने कर्तव्यों के पारदर्शी जारों में। तो कभी कैद होता गया अपने कर्तव्यों के पारदर्शी जारों में।
आने वाली पीढ़ियों को हम संकट में छोड़ जाएंगे! आने वाली पीढ़ियों को हम संकट में छोड़ जाएंगे!