वह मेरी माँ है
वह मेरी माँ है
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है वही मृदु सिन्धु निज उर में समेटे
जो अटल आशीष दे विधिलेख मैटे
है उसी का ऋण कभी जो चुक नहीं सकता
वह दुखी होगी अगर सुख रुक नहीं सकता.
वह मेरी माँ है,
उस अमित प्रेमिल नदी की धार मैं हूँ।